उज्ज्वल के बेला
काश! बचपन में हम बड़े होने का सपना न देखते
पूर्व बाल्यावस्था में मिट्टी जीवन का सबसे अनमोल रत्न था। हम पूरे दिन मिट्टी में सने रहते थे। पैदा हुए तो मिट्टी से पेट भर लिया करते थे। थोड़ा और बड़े हुए तो मिट्टी के खेल-खिलौने बना लेते। हमारी गाड़ि