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Kanhaiyalal Mishra Prabhakar's Photo'

कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर

1906 - 1995 | देवबंद, उत्तर प्रदेश

कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर के उद्धरण

जीवन का आदर्श साँचे में ढाला पुरजा नहीं है, वृक्ष पर खिला पुष्प है। वह बटन दबाते ही खिंच जाने वाला फ़ोटो नहीं, ब्रश और उँगलियों की कारीगरी से धीरे-धीरे बनने वाला चित्र है।

परिश्रम ही हर सफलता की कुंजी है और वही प्रतिभा का पिता है।

भारतीय जीवन धीरे-धीरे जीने का जीवन है। उसमें उद्वेग और आवेग नहीं, संतोष और शांति ही उसके मूल आधार हैं।

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