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कार्यालय पर बेला

10 अक्तूबर 2024

अफ़सर बनते ही आदमी सुहागन बन जाता है

अफ़सर बनते ही आदमी सुहागन बन जाता है

अफ़सर बनते ही आदमी सुहागन बन जाता है। कल तक फ़ाइलों में डूबा आदमी, आज बाढ़ के दिनों की मछलियों की तरह सतह पर छलछलाते हुए दिखने लगा है। विभिन्न सरकारी काज-प्रयोजनों में प्रायः जिसका प्रवेश-निषिद्ध था,

03 अगस्त 2024

बुद्धिजीवी और गधे

बुद्धिजीवी और गधे

बुद्धिजीवियों ने अपना वाहन नहीं बदला। आज भी गधे उनके पसंदीदा वाहन हैं। ...एक गधे को दूसरे गधे से बहुत ईर्ष्या होती है।                                                        बुद्धिजीवी कभी घोड़े क

11 जुलाई 2024

दफ़्तर की दास्तान

दफ़्तर की दास्तान

पांचाली और नगरवधू हमारे काडर में दफ़्तरों की दो कोटियाँ थीं। छोटे दफ़्तर-आईएसओ, जिनमें अनुवादकों की संख्या कम होती थी। उसके बरअक्स मुख्यालय जहाँ अनुवादक इफ़रात में रहते थे।   एक बार बातों-बातों में

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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