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प्रेम कहानी पर कवितांश

मेरे देखते समय

उसने मुझे देखा

देखने पर उसने सिर झुका लिया

यही हमारे प्रेम-बिरवे को

पल्लवित करने के लिए मृदु जलसिंचन है

तिरुवल्लुवर

यदि आँख ही खुले तो अच्छा है

मेरे प्रियतम, जो स्वप्न में आते हैं

मुझसे कभी नहीं बिछुड़ेंगे

तिरुवल्लुवर