मेरे न देखते समय
उसने मुझे देखा
देखने पर उसने सिर झुका लिया
यही हमारे प्रेम-बिरवे को
पल्लवित करने के लिए मृदु जलसिंचन है
यदि आँख न ही खुले तो अच्छा है
मेरे प्रियतम, जो स्वप्न में आते हैं
मुझसे कभी नहीं बिछुड़ेंगे
मेरे न देखते समय
उसने मुझे देखा
देखने पर उसने सिर झुका लिया
यही हमारे प्रेम-बिरवे को
पल्लवित करने के लिए मृदु जलसिंचन है
यदि आँख न ही खुले तो अच्छा है
मेरे प्रियतम, जो स्वप्न में आते हैं
मुझसे कभी नहीं बिछुड़ेंगे