गजानन माधव मुक्तिबोध पर संस्मरण
आधुनिक हिंदी कविता के
अग्रणी कवियों में से एक मुक्तिबोध को विषय-प्रेरणा या अवलंब रखते हुए लिखी गई कविताओं का संचयन।
वे कहीं गए हैं, बस आते ही होंगे
‘शिष्य। स्पष्ट कह दूँ कि मैं ब्रह्मराक्षस हूँ किंतु फिर भी तुम्हारा गुरु हूँ। मुझे तुम्हारा स्नेह चाहिए। अपने मानव जीवन में मैंने विश्व की समस्त विद्या को मथ डाला, किंतु दुर्भाग्य से कोई योग्य शिष्य न मिल पाया कि जिसे मैं समस्त ज्ञान दे पाता। इसलिए मेरी