वेणु गोपाल के उद्धरण
अगर कविता एक ‘सामाजिक कार्य’ है (जो कि वह है) तो फिर उसका राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों से जुड़ना अनिवार्य ही है।
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere