भारतेंदु हरिश्चंद्र के उद्धरण

दुष्ट कहीं का, वेद-पुराण का नाम लेता है। मांस-मदिरा खाना पीना है तो यों ही खाने में किसने रोका है, धर्म को बीच में क्यों डालता है?
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1850 - 1885 | वाराणसी, उत्तर प्रदेश
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।