- कवियों की सूची
- आधुनिक काल
- रीतिकाल
-
भक्तिकाल
- आचार्य
- अलक्षित
- अवधी
- बावरी संप्रदाय
- भक्त कवि
- भ्रमरगीत
- ब्रजी
- दादू संप्रदाय
- दरिया संप्रदाय (भक्तिकाल)
- दरिया संप्रदाय (रीतिकाल)
- नीति कवि
- निंबार्क संप्रदाय (भक्तिकाल)
- निरंजनी संप्रदाय
- पुष्टिमार्ग
- राधावल्लभ संप्रदाय
- रामावत संप्रदाय
- रहस्यवादी कवि
- रसिक संप्रदाय
- सखी संप्रदाय
- संधि कवि
- संत कवि
- शृंगार काव्य
- सिक्ख संप्रदाय
- सूफ़ी कवि
- वल्लभ संप्रदाय
- वीर काव्य
- योग साधक
- आदिकाल
भक्तिकाल
लगभग 1318 ई. से 1643 ई. के दरमियान भक्ति-साहित्य की दो धाराएँ विकसित हुईं—एक सगुण धारा, जिसमें रामभक्ति और कृष्णभक्ति की सरस गाथाएँ हैं; दूसरी निर्गुण धारा, जिसमें ज्ञानमार्गी संतों और प्रेममार्गी सूफ़ी-संतों की महान परंपरा है। भारत के सांस्कृतिक और साहित्यिक इतिहास में भक्तिकाल को ‘लोकजागरण’ का स्वर्णयुग माना गया है।
पुष्टिमार्ग
कृष्ण-भक्ति शाखा से संबद्ध। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य।
कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। कुंभनदास के पुत्र और गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य।
गोस्वामी वल्लभदास के शिष्य। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। माधुर्य भाव की भक्ति के लिए स्मरणीय कवि और गायक।
ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय अष्टछाप कवि। वात्सल्य रस के सम्राट।