Font by Mehr Nastaliq Web

कपड़े की दुकान

kapDe ki dukan

अज्ञात

अज्ञात

कपड़े की दुकान

अज्ञात

और अधिकअज्ञात

    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    हिंदवी

    अमर : माँ, दीवाली के अवसर पर मेरे लिए कौन-सा कपड़ा ख़रीदोगी।

    माँ : तुम्हें क्या चाहिए, मुझे बताना बेटे। आज शाम को हम लोग बाज़ार चलेंगे।

    अमर : मैं भी बाज़ार चलूँगा माँ। मैं अपनी पसंद के कपड़े लूँगा।

    अनीता : मैं भी चलूँगी।

    पिता : हाँ बेटे, तुम दोनों तैयार हो जाना।

    (चारों बाज़ार जाते हैं। कपड़े की दुकान पर पहुँचते हैं।)

    दुकानदार : आइए विनोद भाई, नमस्कार।

    पिता : नमस्ते-नमस्ते! कैसे हैं आप?

    दुकानदार : आप सभी की शुभकामना से ठीक हूँ। आइए बैठिए।

    माँ : बच्चों के लिए कपड़े चाहिए।

    दुकानदार : अभी दिखाता हूँ बहन जी! वीरू, साहब के लिए चाय-पानी ले आओ।

    माँ : नहीं-नहीं चाय नहीं, सिर्फ़ पानी लाना।

    पिता : बेटी के लिए सूट का कपड़ा दिखाइए और पैंट-शर्ट के कपड़े भी! अमर बेटे तू अपनी पसंद के कपड़े देखना।

    दुकानदार : नए पैंट-पीस भी आए हैं। वीरू अच्छे कपड़े निकाल लाओ।

    अमर : अनीता, तुम अपने लिए कपड़ा पसंद कर लो।

    दुकानदार : बेटे, यह पैंट का कपड़ा देखो। यह बहुत अच्छा है।

    अमर : नहीं, यह मुझे पसंद नहीं है। दूसरा कपड़ा दिखाइए।

    अनीता : माँ, यह सूट बहुत अच्छा है।

    माँ : हाँ, यह रंग अच्छा है, लेकिन कपड़ा अच्छा नहीं है।

    दुकानदार : यह लीजिए,  बढ़िया कपड़े में, बिलकुल नया-नया आया है।

    माँ : इसका कपड़ा ठीक है। अमर तुम्हें यह कपड़ा पसंद है?

    अमर : हाँ, अच्छा है माँ!

    माँ : तेरी पसंद अच्छी होती है, बेटे।

    अनीता : और मेरी पसंद माँ?

    माँ : तेरी पसंद भी।

    पिता : दोनों कपड़े पैक कर दी दीजिए।

    दुकानदार : वीरू, ये कपड़े पैक कर दो। यह लीजिए आपका बिल। 

    पिता : धन्यवाद!

    स्रोत :
    • पुस्तक : दूर्वा (भाग-1) (पृष्ठ 70)
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए