क्या विरासत में मिलती है लेखनी?
गार्गी मिश्र
16 जून 2024

ज़्यादा न लिखो। अपने पात्रों को अपनी कहानी बताने दो और इस पूरे काम में दख़ल मत दो। अपने पाठक को पहले ही पृष्ठ से यूँ बाँध लो कि वे कथा से ख़ुद को दूर न रख पाएँ। अगर लिखने की ज़रूरत समझ आए तो इसे फिर से लिखो। उन हिस्सों को छोड़ दो जिन्हें तुम्हारे पाठक अक्सर छोड़ देते हैं।
—एल्मोर लियोनार्ड अपने बेटे पीटर लियोनार्ड से
साहित्य में, पिता-पुत्र के रिश्ते की अनगिनत कहानियाँ और कविताएँ मिलती हैं, जो इस संबंध की गहराई और जटिलता को उजागर करती हैं। अंतरराष्ट्रीय पिता दिवस के अवसर पर, इन तथ्यों, कहानियों और कविताओं के माध्यम से हम न केवल पिता और बच्चे के संबंध के बारे में समझते हैं, बल्कि जीवन के कुछ महत्त्वपूर्ण सबक भी सीखते हैं। आइए जानते हैं कुछ रोचक बातें जो साहित्य में पिता और पुत्र के संबंध को उजागर करती हैं।
एल्मोर लियोनार्ड और पीटर लियोनार्ड
अमेरिकी उपन्यासकार और शॉर्ट स्टोरी लेखक एल्मोर लियोनार्ड ने अपने बेटे पीटर लियोनार्ड के पहले उपन्यास Quiver की पांडुलिपि को पढ़ने के बाद उन्हें कुछ व्यावहारिक बातें बताना चाहते थे। ज़ाहिर है चालीस से अधिक पुस्तकों को लिखने के बाद एल्मोर प्रासंगिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए एक अनूठी स्थिति में थे।
इस बीच, पीटर ने भी एक लेखक के रूप में सफल पहचान बनाई। कई महान् लेखक, लेखकों की दूसरी पीढ़ी के पिता रहे हैं। कभी-कभी लगता है कि अन्य पेशों की तरह लेखन भी मनुष्य के जींस में चलता है।
चार्ल्स डिकेंस और चार्ल्स डिकेंस जूनियर
विक्टोरियन युग के महान् और विख्यात लेखक, चार्ल्स डिकेंस ब्रिटिश साहित्य का बड़ा नाम हैं। उन्हें ‘ए टेल ऑफ़ टू सिटीज़’, ‘ओलिवर ट्विस्ट’ और ‘अ क्रिसमस कैरोल’ जैसे उपन्यासों के लिए जाना जाता है। डिकेंस ने एक असाधारण परिवार का भी संचालन किया। उनके सबसे बड़े बेटे चार्ल्स डिकेंस जूनियर ने साल 1869 में अपने पिता के लिए ‘ऑल द ईयर राउंड’ के उप-संपादक के रूप में काम करना शुरू किया।
डिकेंस जूनियर को यह पत्रिका तब विरासत में मिली, जब अगले वर्ष उनके पिता का निधन हो गया। उन्होंने 1879 में अपने ख़राब स्वास्थ्य के कारण इसे छोड़ दिया। चार्ल्स डिकेंस जूनियर ने भले ही कथा-साहित्य का अनुसरण नहीं किया हो, लेकिन उन्हें शब्दकोश-लेखन पसंद था। उन्होंने डिकेंस डिक्शनरी ऑफ़ लंदन, डिकेंस डिक्शनरी ऑफ़ थेम्स और डिकेंस डिक्शनरी ऑफ़ पेरिस प्रकाशित की।
चार्ल्स जूनियर ने अपने पिता के प्रिय मित्र विल्की कॉलिन्स के साथ मिलकर ‘जॉन जैस्पर्स सीक्रेट : सीक्वल टू चार्ल्स डिकेंस मिस्ट्री ऑफ़ एडविन ड्रूड’ लिखी। उन्होंने अपने पिता के उपन्यासों के मरणोपरांत संस्करणों के लिए कई परिचय लिखे।
एच.जी. वेल्स और एंथनी वेस्ट
विपुल ब्रिटिश लेखक एच.जी. वेल्स ने ख़ुद को ‘विज्ञान कथा के जनक’ के रूप में प्रतिष्ठित किया। उन्हें ‘इनविजिबल मैन’, ‘द आईलेंड ऑफ़ डॉक्टर मोरो’ और ‘वॉर ऑफ़ द वर्ल्ड्स’ के लिए जाना जाता है। हालाँकि, उन्होंने राजनीति और श्रमिक वर्ग के जीवन पर भी चिंतन किया।
कुछ आलोचकों का यह भी तर्क है कि एच.जी. वेल्स, चार्ल्स डिकेंस के उपयुक्त उत्तराधिकारी थे। जबकि वेल्स का विवाह एमी रॉबिंस से हुआ था, लेकिन उनका उनकी समकालीन लेखिका रेबेका वेस्ट के साथ भी संबंध था। वेल्स और रेबेका वेस्ट का एक पुत्र हुआ : एंथनी वेस्ट।
जब एंथनी वेस्ट ने अपना पहला उपन्यास ‘हेरिटेज’ प्रकाशित किया, तब यह तुरंत स्पष्ट हो गया कि उन्होंने एक ‘रोमन अ क्लीफ़’ लिखा है।
Roman à clef—फ़्रेंच में एक अनोखी साहित्यिक विधा है जहाँ वास्तविक जीवन की घटनाओं और व्यक्तियों को कथात्मक रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह लेखन का रूप सामाजिक आलोचना, व्यक्तिगत अभिव्यक्ति और वर्जित विषयों की खोज को बिना सीधे पहचान उजागर किए, लेखक और वास्तविक जीवन के संबंधित व्यक्तियों की सुरक्षा करता है। ‘रोमन अ क्लीफ़’ इस प्रकार वास्तविक और कल्पनाशील के बीच एक सेतु का कार्य करता है। पाठकों को लेखक की दुनिया में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
लेकिन उनका ऐसा करना उनकी माँ को रास न आया और इस कारण से रेबेका वेस्ट और एंथनी वेस्ट के रिश्तों में एक दरार आ गई। इन सबके बावजूद वेस्ट ने अपने पिता की जीवनी के अलावा एक दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे।
किंग्सले एमिस और मार्टिन एमिस
किंग्सले एमिस को बीसवीं शताब्दी के महानतम ब्रिटिश लेखकों में से एक माना जाता है। उनके बीस उपन्यास, कविता के छह खंड और विभिन्न लघु कथाएँ, संस्मरण आदि प्रकाशित हुए। किंग्सले ने इयान फ़्लेमिंग और जेम्स बॉन्ड की पुस्तकों की गहराई से प्रशंसा की। 1960 के दशक में उन्होंने लेजेंडरी 007 के बारे में कई आलोचनात्मक लेख (या तो गुमनाम रूप से या छद्म नाम से) लिखे।
1965 में किंग्सले ने अपने नाम से ‘द जेम्स बॉन्ड डोजियर’ प्रकाशित किया। उन्होंने लेफ़्टिनेंट कर्नल विलियम टैनर के छद्म नाम के तहत ‘द बुक ऑफ़ बॉन्ड’, या ‘एवरी मैन हिज़ ओन 007’ भी प्रकाशित किया।
किंग्सले के बेटे मार्टिन एमिस न केवल अपने पिता से बल्कि जेम्स जॉयस, व्लादिमीर नाबोकोव और शॉल बेलो से भी प्रेरित थे। मार्टिन एमिस का ऐसा मानना था कि उनके पिता को उनके काम में कभी दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने दावे के साथ कहा, “मैं उस समय के बारे में बयाँ कर सकता हूँ, जब पिता ने रुक कर पैसों को हवा में घुमाते हुए फेंका; यही वह जगह है जहाँ से मार्टिन एमिस का चरित्र आता है।"
अपने पिता की उदासीनता के बावजूद, मार्टिन अपने आपमें समीक्षकों द्वारा प्रशंसित लेखक रहे। उन्होंने जैडी स्मिथ और विल सेल्फ़ सहित लेखकों की एक और पीढ़ी को प्रेरित किया।
जॉन अपडाइक और डेविड अपडाइक
अमेरिकी उपन्यासकार और कवि जॉन अपडाइक को उनकी ‘रैबिट’ शृंखला के लिए जाना जाता है। एक सफल लेखक के रूप में जॉन ने प्रतिवर्ष औसतन एक पुस्तक लिखी। उन्होंने मध्यवर्ग के सामान्य जीवन में तल्लीन होकर हमेशा ‘सांसारिकता को उसका सुंदर हक़’ देने का प्रयास किया।
जॉन अपनी सफलता का अधिकांश श्रेय ‘द न्यूयॉर्कर’ को देते हैं, हालाँकि उन्होंने वहाँ केवल दो साल बिताए। ‘टॉक ऑफ़ द टाउन’ कॉलम लिखते हुए, 'न्यूयॉर्कर' पत्रिका हमेशा उनकी लघुकथाओं और कविताओं को प्रकाशित करने के लिए तैयार थी।
'न्यूयॉर्कर' ने जॉन अपडाइक को बहुत व्यापक और साक्षर दर्शकों के सामने लाने में योग दिया। यह एक संयोग ही है कि उनके बेटे डेविड अपडाइक ने भी 'न्यूयॉर्कर' में अपनी शुरुआत की। डेविड ने बाद में युवा वयस्कों के लिए छोटी पुस्तकों की शृंखला और लघुकथाओं का एक संग्रह प्रकाशित किया।
स्टीफ़न किंग और जोसेफ़ हिलस्ट्रॉम किंग
अमेरिकी लेखक स्टीफ़न किंग ने एक प्रमुख हॉरर और सस्पेंस लेखक के रूप में अपना नाम बनाया है। इस शैली की खोज के बारे में वह बताते हैं कि कैसे उनके पिता के पुराने एवन पेपरबैक संग्रह में मिली लेखक ‘एचपी लवक्राफ़्ट’ की किताब की बदौलत यह संभव हुआ। हालाँकि किंग ‘कैरी’ और ‘द शाइनिंग’ जैसे उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई लघुकथाएँ भी लिखीं।
1997 में स्टीफ़न के बेटे जोसेफ़ हिलस्ट्रॉम किंग ने छद्म नाम ‘जो हिल’ के तहत कहानियाँ प्रकाशित करना शुरू किया। ‘वैराइटी’ पत्रिका द्वारा अपना मुखपत्र प्रकाशित किए जाने से पहले जोसेफ़ कुछ पुरस्कार जीतने में सफल रहे। जोसेफ़ के पहले उपन्यास, ‘हार्ट-शेप्ड बॉक्स’ के लिए उन्हें ‘ब्रैम स्टोकर’ पुरस्कार भी मिला।
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