चिनार पुस्तक महोत्सव : कश्मीर घाटी का पहला सबसे बड़ा पुस्तक मेला
हिन्दवी डेस्क
16 अगस्त 2024

श्रीनगर में पहली बार बहुत बड़े स्तर पर आयोजित होने वाले पुस्तक मेले ‘चिनार पुस्तक महोत्सव’ का शुभारंभ 17 अगस्त 2024 को होगा। नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) और ज़िला प्रशासन श्रीनगर के प्रयासों से डल झील के किनारे 17 से 25 अगस्त तक (समय : सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक) एसकेआईसीसी, श्रीनगर में यह फ़ेस्टिवल आयोजित होगा, महोत्सव में एंट्री फ़्री रहेगी।
घाटी के पहले राष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव में राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) की भागीदारी होगी। इस नौ दिवसीय पुस्तक मेले में 200 से अधिक स्टॉल होंगे जो अँग्रेज़ी, उर्दू, कश्मीरी, हिंदी, डोगरी और अन्य भारतीय भाषाओं सहित विभिन्न भाषाओं में पुस्तकों तक पाठकों की पहुँच सुगम करेंगे। यह आयोजन घाटी के पाठकों को विशेष छूट और देश भर के एक हज़ार से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकों से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करेगा।
एसकेआईसीसी के विंटर हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में श्रीनगर के उपायुक्त डॉ. बिलाल मोहिउद्दीन भट, ने आयोजन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। उन्होंने कहा, “17 से 25 अगस्त तक आयोजित चिनार पुस्तक महोत्सव कश्मीर घाटी का पहला सबसे बड़ा पुस्तक मेला होगा, जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन श्रीनगर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। श्रीनगर में काफ़ी लंबे समय से इतने बड़े स्तर का कोई महोत्सव नहीं हुआ है, ऐसे में श्रीनगर की आवाम के लिए यह बेहतरीन अवसर है, जहाँ किताबों के बीच पाठक साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तरह-तरह कार्यक्रमों में भाग ले पाएँगे। ये सभी कार्यक्रम तीन भाग में आयोजित होंगे। 10 बजे से 1 बजे तक बच्चों के लिए कैलिग्राफी, स्टोरी टेलिंग, कैरीकेचर, ड्राइंग कॉम्पिटीशन, आर्ट वर्कशॉप, स्लोगन राइटिंग कॉम्पिटीशन, कठपुतली क्राफ़्ट, खेल-खेल में वैदिक गणित और भी कई तरह की रचनात्मक लेखन की कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। 2 बजे से 4 बजे तक युवाओं के लिए करियर ओरिएंटेड वर्कशॉप होंगी। उन्हें कला, साहित्य और संस्कृति पर बड़े-बड़े साहित्यकारों से बात करने का अवसर मिलेगा। इस मेगा इवेंट के लिए अब तक 50 हज़ार से अधिक बच्चे पंजीकरण कर चुके हैं।”
डॉ. बिलाल ने श्रीनगर की आवाम को चिनार पुस्तक महोत्सव में आकर घाटी के सबसे बड़े महोत्सव को कामयाब बनाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तक महोत्सव में पहुँचने के लिए घंटाघर से एसकेआईसीसी तक पाँच नि:शुल्क बसें चलाई जाएँगी।
वहीं चिनार पुस्तक महोत्सव पर बात करते हुए नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने कहा, “यह पुस्तक महोत्सव घाटी के लोगों से है और घाटी के लोगों के लिए है, जिसमें पाठकों को 200 से अधिक बुक स्टॉल मिलेंगे। पहले चिनार पुस्तक महोत्सव में लगभग 125 प्रकाशक भाग ले रहे हैं। यहाँ युवाओं को मशहूर कलाकारों से मिलने का मौक़ा मिलेगा। कश्मीर स्कॉलर्स और कवियों की धरती है। कश्मीर जन्नत है और किताबों को भी जन्नत से जोड़ा जाता है। यह उर्दू साहित्य का भी अब तक का सबसे बड़ा पुस्तक महोत्सव होगा, जहाँ पाठकों को 50 हज़ार से अधिक उर्दू की किताबें मिलेंगी। इसके साथ ही पाठक आईसीएचआर की जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की फ़ोटो-प्रदर्शनी से यहाँ की संस्कृति को समझेंगे और इसरो के राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को ध्यान में रखते हुए लगाई गई फ़ोटो प्रदर्शनी के जरिए अंतरिक्ष में भारत की विकास-यात्रा के बारे में भी जान पाएँगे।”
एनबीटी, इंडिया के निदेशक ने यह भी कहा कि देश के सभी स्कूलों में एक दिन बैगलेस डे बनाया जा रहा है। इस दिन अगर अभिभावक अपने बच्चों को किताब मेले में लाएँ, तो यह उनके लिए एक अलग तरह अनुभव होगा।
'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए
कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें
आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद
हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे
बेला पॉपुलर
सबसे ज़्यादा पढ़े और पसंद किए गए पोस्ट
28 जुलाई 2025
तमाशे के पार : हिंदी साहित्य की नई पीढ़ी और एक लेखक की आश्वस्ति
इन दिनों साहित्य की दुनिया किसी मेले की तरह लगती है—शब्दों का मेला नहीं, विवादों और आक्षेपों का मेला। सोशल मीडिया की स्क्रॉलिंग करते हुए रोज़ किसी न किसी ‘साहित्यिक’ विवाद से साबका पड़ता है। लोग द
31 जुलाई 2025
सैयारा : दुनिया को उनसे ख़तरा है जो रो नहीं सकते
इन दिनों जीवन कुछ यूँ हो चला है कि दुनिया-जहान में क्या चल रहा है, इसकी सूचना सर्वप्रथम मुझे फ़ेसबुक देता है (और इसके लिए मैं मार्क ज़ुकरबर्ग या सिलिकॉन वैली में बैठे तमाम तकनीकी कीड़ों का क़तई कृतज्
13 जुलाई 2025
बिंदुघाटी : वाचालता एक भयानक बीमारी बन चुकी है
• संभवतः संसार की सारी परंपराओं के रूपक-संसार में नाविक और चरवाहे की व्याप्ति बहुत अधिक है। गीति-काव्यों, नाटकों और दार्शनिक चर्चाओं में इन्हें महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। आधुनिक समाज-विज्ञान
08 जुलाई 2025
काँदनागीत : आँसुओं का गीत
“स्त्रियों की बात सुनने का समय किसके पास है? स्त्रियाँ भी स्त्रियों की बात नहीं सुनना चाहतीं—ख़ासकर तब, जब वह उनके दुख-दर्द का बयान हो!” मैंने उनकी आँखों की ओर देखा। उनमें गहरा, काला अँधेरा जमा था,
06 जुलाई 2025
कवियों के क़िस्से वाया AI
साहित्य सम्मेलन का छोटा-सा हॉल खचाखच भरा हुआ था। मंच पर हिंदी साहित्य के दो दिग्गज विराजमान थे—सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और तत्कालीन नई पीढ़ी के लेखक निर्मल वर्मा। सामने बैठे श्रोताओं की आँखों में चमक