सलमान रश्दी के बेला
सलमान रश्दी की नई किताब में चाक़ू की कुछ बातें
उन सुनसान निद्राविहीन रातों में मैंने एक विचार के रूप में चाक़ू के बारे में बहुत सोचा। चाक़ू एक औज़ार था, और उसके प्रयोग से निकलता हुआ एक अर्जित अर्थ भी। भाषा भी तो एक चाक़ू थी। यह दुनिया को चाक कर स