अमर मित्र के बेला
कुसुमपुर के एक बूढ़े आदमी की कथा
कुसुमपुर के वृद्ध फ़क़ीरचंद जाएँगे बड़ाबाबू के पास। उनकी पीठ पर एक छड़ी है, जिसमें एक छोटी-सी पोटली लटकी हुई है। बूढ़ा आदमी थोड़ा झुक कर चलता है। अब प्रकाश होने का समय है, इस चैत माह की सुबह में पृथ्व