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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

महान् कविताओं के बिंब कैसे होते हैं!

 

दुपहर हो गई थी। मेरा वह साथी अपनी लंबी कविता का कुछ हिस्सा पढ़ाकर वापस लौट आया था। उसने आते ही मुझे फ़ोन किया और लाइब्रेरी से बाहर बुला लिया। आज वह चहक रहा था। उसके चेहरे पर अतिरिक्त उत्साह के निशान स्

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23 जून 2025

आज का रचनाकार

रचनाकार का समय और समय का रचनाकार

अनीता वर्मा

नवें दशक की कवयित्री। भाषिक सादगी और विषय-चयन के लिए उल्लेखनीय।

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