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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

ज़ुबिन गार्ग : समय जब ठहर जाए...

 

कोई मनुष्य कितना प्रिय हो सकता है, जीते जी इसका सही अंदाज़ा लगाना कठिन होता है। अपने जीवन काल में कई महानुभावों को इस संसार का मोह त्याग करते हुए हम सबने देखा होगा, उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी भीड़ भी हमन

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22 सितम्बर 2025

आज का रचनाकार

रचनाकार का समय और समय का रचनाकार

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और नाटककार। अपनी पत्रकारिता के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

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आज की कविता

कविता अब भी संभावना है

दीनदयाल दया करिए

निज हाथन सर्वसु खोय चुके कहँ लौ दुख पै दुख ही भरिये।

हम आरत भारतवासिन पै अब दीनदयाल दया करिये॥

प्रतापनारायण मिश्र

ई-पुस्तकें

हिंदी का किताबघर

हिंदी के नए बालगीत

रमेश तैलंग 

1994

गीतों में विज्ञान

सोम्या 

1993

दोहा-कोश

राहुल सांकृत्यायन 

1957

आकाश-गंगा

मदनमोहन राजेन्द्र 

1972

बाँकीदास-ग्रंथावली

रामनारायण दूगड़ 

1931

थाली भर आशा

इशरत आफ़रीं 

2015

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