जलपंखिनी
'चेखव हमारे यहाँ आए हैं! देखना चाहो तो तुरंत चली आओ!' यह चंद शब्द मैंने सैकड़ों बार पढ़ डाले पढ़ ही नहीं, पी डाले, बूँद-बूँद पी डाले! हज़ारों फूलों का सत्त, इत्र एक बूँद भर ही होता है न, वैसे ही केवल यही अक्षर ही नहीं दुनिया भर के सारे अक्षर इस समय मेरे