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आवारगी पर गीत

आवारगी का अर्थ बेकार

इधर-उधर फिरना, स्वच्छंदता, शोहदापन आदि से है। कविता में इसे प्रायः कवि-मन की स्वच्छंदता, बने-बनाए सामाजिक क़ायदे-क़ानून और ढर्रे को नहीं मानने और वर्जित विषयों में सक्रियता के रूप में बरता गया है।

मैं नीर भरी

महादेवी वर्मा

सारा जग बंजारा होता

गोपालदास नीरज

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