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अखंड पर उद्धरण

समुद्र विशाल एवं अखंड है। जो ऊपर नहीं दिखता, वह भीतर है।

रघुवीर चौधरी

अनिर्वचनीय है वह तो अखंड है। कहे जाने पर तो वह गल जाएगा।

रघुवीर चौधरी