आँसू पर गीत

मानवीय मनोभाव के एक

प्रकट चिह्न के रूप में आँसू हमेशा से काव्य के विषय-वस्तु रहे हैं और वृहत रूप से इनके बहाने से कवियों ने विविध दृश्य और संवाद रचे हैं।

रोने वाला ही गाता है

गोपालदास नीरज

कोई यह आँसू...

महादेवी वर्मा

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