भोर का तारा
पात्र
माधव: गुप्त साम्राज्य का कर्मचारी, शेखर का मित्र
शेखर: उज्जयिनी का कवि
छाया: शेर की प्रेयसी? अनंतर पत्नी
स्थान: गुप्त साम्राज्य की राजधानी उज्जयिनी का एक गृह
समय: पाँचवीं शती, सन् 455 के आस-पास
(एक)
[कवि शेखर का गृह। सब वस्तुएँ अस्तव्यस्त। बाईं