सरस्वती पर पद

सरस्वती विद्या की देवी

हैं। उनकी स्तुति और प्रशंसा में प्राचीन समय से ही काव्य-सृजन होता रहा है। विद्यालयों में प्रार्थना के रूप में निराला विरचित ‘वर दे, वीणावादिनी वर दे!’ अत्यंत लोकप्रिय रचना रही है। समकालीन संवादों और संदर्भों में भी सरस्वती विषयक कविताओं की रचना की गई है।

श्री यमुना वंदना

यमुना प्रसाद चतुर्वेदी

श्री सरस्वती वंदना

यमुना प्रसाद चतुर्वेदी

श्री गिरिराज वंदना

यमुना प्रसाद चतुर्वेदी

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए