क्रोध
सिर्फ़ हज़ार रुपये ही की तो बात थी। वह भी नहीं दे सका। देना एक ओर रहा, पत्र का उत्तर तक नहीं दिया। एक-दो-तीन-चार, सब पत्र हज़म किए। सब पचा लिए? यही मित्रता थी? मित्रता? मित्रता कहाँ है? मित्रता एक शब्द है, एक आडंबर है, एक विडंबना है, एक छल है-ठीक छल