नीति पर उद्धरण

नीति-विषयक दोहों और

अन्य काव्यरूपों का एक विशिष्ट चयन।

क्षमा पर केवल मनुष्य का अधिकार है, वह हमें पशु के पास नहीं मिलती।

जयशंकर प्रसाद

प्रत्येक स्थान और समय बोलने योग्य नहीं रहते।

जयशंकर प्रसाद

ऐश्वर्य का मदिरा-विलास किसे स्थिर रहने देता है!

जयशंकर प्रसाद

कभी-कभी मौन रह जाना बुरी बात नहीं है।

जयशंकर प्रसाद

मानव स्वभाव दुर्बलताओं का संकलन है।

जयशंकर प्रसाद

पुरुषार्थ ही सौभाग्य को सींचता है।

जयशंकर प्रसाद

व्यक्ति का मान नष्ट होने पर फिर नहीं मिलता।

जयशंकर प्रसाद

संबंधित विषय

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए