Font by Mehr Nastaliq Web

दर्पण पर नवगीत

दर्पण, आरसी या आईना

यों तो प्रतिबिंब दिखाने वाला एक उपयोगी सामान भर है, लेकिन काव्यात्मक अभिव्यक्ति में उसका यही गुण विशेष उपयोगिता ग्रहण कर लेता है। भाषा ने आईने के साथ आत्म-संधान के ज़रूरी मुहावरे तक गढ़े हैं। इस चयन में प्रस्तुत है दर्पण को महत्त्व से बरतती कुछ कविताओं का संकलन।

संबंधित विषय

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए