बाढ़ पर उद्धरण
देश की विभिन्न नदियों
में साल-दर-साल आती बाढ़ जीवन, संपत्ति और आजीविका के संकट उत्पन्न करती हैं जिसे कविताओं में चिंता और सहानुभूति से देखा गया है। इस चयन में बाढ़ विषयक कविताओं का संकलन किया गया है।
बरसात का पानी एक जगह आबद्ध होकर रह न जाए, अबाध गति से बहता रहे—इसके लिए नदियाँ ज़रूरी हैं। और नदियों का प्रवाह रक्त के प्रवाह की तरह सदा एक-सा बहता रहे—इसके लिए बाँध ज़रूरी हैं।