अनासक्त पर उद्धरण
अनासक्त का मतलब किसी
भी चीज में आसक्ति नहीं होना है। जब आप लोभ, मोह, सम्मान, अपमान, प्रशंसा और बुराई से मुक्त हो जाते हैं तो आप अनासक्त हो जाते हैं।

जो मनुष्य यह मेरा और वह तेरा मानता है, वह अनासक्त नहीं हो सकता।

जो मनुष्य यह मेरा और तेरा मानता है, वह अनासक्त नहीं हो सकता।