Font by Mehr Nastaliq Web

स्वीकृति पर बेला

17 फरवरी 2025

मीरा : ‘प्रेम-प्रेम सब कोई कहे प्रेम न बूझे कोई’

मीरा : ‘प्रेम-प्रेम सब कोई कहे प्रेम न बूझे कोई’

अनंत ऊर्जा-शक्ति से पैदा हुआ जीव अंततः उसी में समा जाता है। सात महत्त्वपूर्ण चक्रों से युक्त मानव देह में जब ऊर्जा का प्रवाह ऊर्ध्व दिशा में होने लगता है, तब व्यावहारिक, सांसारिक और व्यक्तिगत भार जैस