ओ इरशाद, प्यारे इरशाद! अलविदा!
ओ अज़ीज़ इरशाद खान सिकंदर! ओ बुजुर्गों की तमीज़ से भरे युवा इंसान और शाइर-कवि! यह अचानक क्या! तुम्हारी हमेशा-हमेशा की ख़ामोशी हमें बहुत सताएगी यार! हमें फ़ख़्र है कि दिल्ली में दिल जीतने
ओ अज़ीज़ इरशाद खान सिकंदर! ओ बुजुर्गों की तमीज़ से भरे युवा इंसान और शाइर-कवि! यह अचानक क्या! तुम्हारी हमेशा-हमेशा की ख़ामोशी हमें बहुत सताएगी यार! हमें फ़ख़्र है कि दिल्ली में दिल जीतने