रामकुमार वर्मा के उद्धरण

संपत्ति का यह स्वभाव है कि जितना ही उसका तिरस्कार करो, वह उतनी ही पास आती है।
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1905 - 1990 | सागर, मध्य प्रदेश
समादृत कवि, एकांकीकार और आलोचक। पद्मभूषण से सम्मानित।
समादृत कवि, एकांकीकार और आलोचक। पद्मभूषण से सम्मानित।