प्रवीणराय के दोहे
विनती राय प्रवीन की, सुनिए साहि सुजान।
जूठी पातरि भखत हैं, बारी वायस, स्वान॥
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
ऊँचे ह्वै सुर बस किये, सम ह्वै नर बस कीन।
अब पताल बस करन को, ढरकि पयानो कीन॥
-
संबंधित विषय : स्तन
-
शेयर
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere