जवाहरलाल नेहरू के उद्धरण
अपने मुँह से अपनी तारीफ़ करना हमेशा ख़तरनाक-चीज़ होती है। राष्ट्र के लिए भी वह उतनी ख़तरनाक है, क्योंकि वह उसे आत्मसंतुष्ट और निष्क्रिय बना देती है और दुनिया उसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाती है।
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हम अपना कर्तव्य पूरा करेंगे, और जो लोग हमारे बाद आएँगे—उस काम को चालू रखेंगे, क्योंकि देश के काम कभी ख़त्म नहीं होते। देश के लोग आटे हैं और जाते हैं, लेकिन देश अमर होता है और क़ौम अमर रहती है।
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere