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अशोक कुमार

1981 | चंबा, हिमाचल प्रदेश

नई पीढ़ी के कवि। 'मेरे पास तुम हो' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि। 'मेरे पास तुम हो' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

अशोक कुमार के बेला

13 मार्च 2025

पहाड़ों की होली : रंग नहीं थे, रंगीनियाँ पूरी थीं

पहाड़ों की होली : रंग नहीं थे, रंगीनियाँ पूरी थीं

मेरे पास होली की स्मृतियों में रंगों की कोई स्मृति नहीं है। शोर में डूबे इस शहर में जब रंगों में डूबी हुई होली देखता हूँ, तो सोचता हूँ कि कितनी बेरंग थी मेरे बचपन की होली। थोड़ी बहुत जो स्मृतियाँ हैं

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