अंकुश कुमार के बेला
हिन्दवी उत्सव की कविता-संध्या : सुंदर, सुखद, अविस्मरणीय
गत चार वर्षों से हो रहे ‘हिन्दवी उत्सव’ की शृंखला का यह तीसरा आयोजन था, जो डिजिटल नहीं बल्कि पाठकों के बीच (साथ) हुआ। ज़ाहिर है, इन वर्षों में ‘हिन्दवी’ ने जिस तरह का मुक़ाम हासिल कर लिया है, उससे इत