एलिस मुनरो के बेला
एलिस मुनरो की कहानी से
मेरी माँ मेरे लिए एक पोशाक बना रही थी। पूरे नवंबर के महीने में जब मैं स्कूल से आती तो माँ को रसोईघर में ही पाती। वह कटे हुए लाल मख़मली कपड़ों और टिश्यू पेपर डिज़ाइन की कतरनों के बीच घिरी हुई नज़र आत
1931 - 2024 | विंगहैम
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विश्वप्रसिद्ध कनाडाई साहित्यकार।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विश्वप्रसिद्ध कनाडाई साहित्यकार।
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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