आधुनिक काल
सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के बाद आधुनिक चेतनायुक्त मानस निर्मित हुआ, जिसे पुनर्जागरण ने और प्रबल किया। गद्य की मुकम्मल शुरुआत हुई, कविता की विषयवस्तु में आमूलचूल परिवर्तन हुए और कविता अभिव्यक्ति के वर्जित कोनों तक पहुँची। इस काल में ही—जो अब जारी है—प्रयोगों और विमर्शों के बीच साहित्य का संवाद संसार के अग्रगामी विचारों और परिवर्तनों से हुआ।
प्रयोगवाद
1917 -1964
श्योपुर
आधुनिक हिंदी कविता के अग्रणी कवियों में से एक। अपनी कहानियों और डायरी के लिए भी प्रसिद्ध।
1917 -1991
ग्वालियर
अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। कथा-लेखन में भी सक्रिय रहे।
1929 -1990
लखनऊ
आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और अनुवादक। अपनी पत्रकारिता और कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
1912 -1994
उन्नाव
समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।