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सावन सुआ उपास

savan sua upaas

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

सावन सुआ उपास

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

और अधिकशैलेंद्र कुमार शुक्ल

    सँझवतिया के बादलों से

    जब घिरता है आसमान

    मुरइला की कर्णकटु प्रतिध्वनि

    टकराती है घर की मुँडेर से

    डर जाते हैं नींद से जागे हुए नवजात बच्चे

    महतारी के वक्ष से चिपककर

    मुँदी आँखों के संसार में

    कुबेरिया जब नहीं होता है कोई काम

    दादी भूनती हैं मकई के दुद्धा भुट्टे

    उसकी महक फैल जाती है

    नथुनों के रास्ते कपार तक

    बुढ़ऊ बाबा का भी मन लायँ-लायँ होने लगता है

    चारा लेने गए चच्चा की बाट जोहता है मुनुवा

    कि कब आएँगे उसके लिए

    ताजे उखाड़े हुए मूँगफली के बिरवे

    और खटमिठुवा पेंहेटुआ

    कि कब आएगी बीच से दरकी हुई फूट

    उसकी गोल-गोल आँखें इंतज़ार करती हैं

    बेसबरी से

    नव-विवाहिता बहन के घर

    सवनी लेकर ही रहा होगा भाई

    इंतज़ार करती है परबतिया

    अभी घुघनी भुनने में थोड़ी देर है

    आँगन में मचल रही है छोटकी

    ज़िद कर रहा है छोटुवा पटक्का बनाने के लिए दादा से

    फले हुए नीम की डाल से बँधे झूले में

    पेंग भर रही हैं भौजी सावन गाते हुए

    अपनी बारी आने के इंतज़ार में

    पगलाई हुई सोमिया खीच रही है उनकी

    हरी साड़ी का उड़ता हुआ पल्लू

    सनीनों की परबी आई

    जिसके इंतज़ार में तैयारियाँ कर रहा था

    पूरा गाँव

    सेवईं और पूरियों की महक से

    गमक उठा है घर का आँगन

    बच्चों की कलाइयों पर बँधे चमकीले गजरे, राखी

    और माथे का रोचन

    समय की रोती हुई आँखों को एक बार फिर

    हँसने को मज़बूर करता है

    सावन

    घास पर बिखरा हुआ सावन

    ताल की हिलोर पर लोटता हुआ सावन

    पीपल के पत्तों पर बूँद-सा लड़खड़ाता हुआ सावन

    आँगन में गीली मिट्टी-सा लिपटता हुआ सावन

    और

    'सावन सुआ उपास'

    सच में मैं नागमती की बात नहीं कर रहा

    फिर भी

    अपने गाँव से दूर हैदराबाद के एक

    नंगे पहाड़ पर बारिश में भीग रहा हूँ।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सावन सुआ उपास (पृष्ठ 43)
    • रचनाकार : शैलेंद्र कुमार शुक्ल
    • प्रकाशन : सर्वभाषा प्रकाशन
    • संस्करण : 2023
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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