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भूत और वर्तमान के मध्य

bhoot aur vartaman ke madhya

अणुशक्ति सिंह

अणुशक्ति सिंह

भूत और वर्तमान के मध्य

अणुशक्ति सिंह

और अधिकअणुशक्ति सिंह

    सिल्क की साड़ी सास के लिए

    ननद रानी खोइन्छा खोलेंगी

    कि मिले बहुरिया के मायके से मिला नेग

    पिटारे में सहेज कर रखे जा रहे थे

    अदौड़ी, पापड़ और कतरनी चावल

    पच्चीस सालों से देखा जा रहा स्वप्न

    सच के धरातल पर उतर रहा था...

    पिता ने कितनी जागी रातों की मेहनत

    बना कर डाल दी थी समिधा

    ब्याह वेदी के हवन में

    बाबुल की दुआएँ लेती जा,

    जा तुझको सुखी संसार मिले...

    माँ और पिता का साझा स्वप्न

    जिसकी नींव पर बने महल को

    वस्तुतः टिके रहना था

    कम से कम अगले पचास सालों तक

    यह किसी को ज्ञात नहीं था

    जब यह स्वप्न महल ध्वस्त होगा

    छनककर टूटेंगे आशाओं के मेहराब और कंगूरे

    नींव की ईंटें कमज़ोर हो चुकी होंगी

    अपने ही आँसुओं से...

    नींव जब अपनी जगह छोड़ते हैं,

    ज़मीन भूल जाती है,

    उस ज़ख़्म को भरना...

    इस उम्मीद में कि

    वक़्त के झंझावात भर देंगे

    भर ही देंगे हर खाई

    अछूता रहा घाव,

    छोड़ता है गहरे निशान

    ऐसे जैसे जिस्म के इक हिस्से से

    तराश लिया गया हो

    माँस का कोई टुकड़ा...

    हर टूटा हुआ रिश्ता भी

    हृदय पर छोड़ता है ऐसे ही घाव

    कि दिल में अचानक हुआ कोई सुराख़ हो

    और स्पंदन की गति न्यून होती जा रही हो...

    स्रोत :
    • रचनाकार : अणुशक्ति सिंह
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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