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हिन्दवी ब्लॉग

साहित्य और कला की विभिन्न विधाओं का संसार

पुरानी उदासियों का पुकारू नाम

एक साहित्यिक मित्र ने अनौपचारिक बातचीत में पूछा कि आप महेश वर्मा के बारे में क्या सोचते हैं? मेरे लिए महेश वर्मा के काव् ...और पढ़िए

आशीष मिश्र | 25 नवम्बर 2023

मैंने सूरजमुखी होना चुना है

मैं जब अपनी उम्र के 29वें साल की दहलीज़ पर थी, तब मैंने अपने आपसे वादा किया था कि मैं अपने 30वें साल में वह नहीं रहूँगी ज ...और पढ़िए

तोषी | 22 नवम्बर 2023

गांधीजी और उनकी वसीयत

उत्तराधिकार के लिए सबसे बड़ा युद्ध भारतीय इतिहास में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के बेटों में बताया जाता है। पूरा बयान तो नहीं ...और पढ़िए

नामवर सिंह | 21 नवम्बर 2023

‘हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी’

यह स्कूल के दौरान की बात है। हमारे घर में ‘राजस्थान पत्रिका’ अख़बार आया करता था। तब तक मैंने शे’र-ओ-शायरी के नाम पर सस्ती ...और पढ़िए

देवेश पथ सारिया | 21 नवम्बर 2023

याद करने की कोशिश करता हूँ तो याद आता है

दिन : एक 10 नवंबर 2020 भाई के आरटी-पीसीआर टेस्ट के ‘पॉज़िटिव’ आने के बाद घर में हम सभी ने टेस्ट करवाए। कल हम सब बिरला ...और पढ़िए

शचींद्र आर्य | 15 नवम्बर 2023

रोशनी की प्रजाएँ

दीपावली अर्थात् नन्हे-नन्हे दीपकों का उत्सव। रोशनी के नन्हे-नन्हे बच्चों का उत्सव! ‘जब सूर्य-चंद्र अस्त हो जाते हैं तो म ...और पढ़िए

कुबेरनाथ राय | 10 नवम्बर 2023

प्रसिद्धि की विडंबना

प्रसिद्धि के साथ एक मज़े की बात यह है कि जब तक प्रत्यय की तरह इसके साथ विडंबना नहीं जुड़ती, तब तक इसके छिपे हुए अर्थ हमा ...और पढ़िए

प्रियंका दुबे | 01 नवम्बर 2023

'कोरी चील म्हारी काया पर छाया करै'

जाने कितने बरस पहले का दिन रहा होगा, जब सत्यजित राय ने बीकानेर के जूनागढ़ क़िले के सामने सूरसागर तालाब किनारे पीपल पेड़ के ...और पढ़िए

अनिरुद्ध उमट | 01 नवम्बर 2023

अ-भाव का भाव—‘अर्थात्’

मैंने अमिताभ चौधरी को नहीं देखा है। लेकिन उनकी कविताओं से ऐसा चित्र उभरता है कि कोई जनसंकुल बस्ती से दूर निर्जन अँधेरे ब ...और पढ़िए

आशीष मिश्र | 01 नवम्बर 2023

प्रेम, दुर्घटना, छत और बीते दिन…

प्रेम प्रेम जितना बराबर की चीज़ महसूस होता है, उतना है नहीं। हमें लगता है, हम बराबर चलेंगे। पर कभी बराबर चलते नहीं। ह ...और पढ़िए

देवेश | 30 अक्तूबर 2023