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एन एनकाउंटर रेज़ीडेंसी : बनारस के इतिहास, किंवदंती और ज्ञान की खोज

किसी शहर को जानने के लिए उसको आत्मसात करना आवश्यक है, लेकिन कुछ शहर आपसे आपकी आत्मा को ही माँगते हैं—कहने का मतलब है ख़ुद को आत्मर्पित करना। बनारस जो इतिहास और किंवदंतियों का संगम है। इस शहर को समझने के लिए केवल सतही जानकारी पर्याप्त नहीं। हमें इसके भीतर छिपे हुए कई शहरों और लोक को समझने का प्रयास करने की ज़रूरत है। बनारस की गंगा अपने भीतर कई और धारा और उस धारा के विपरीत भी बहने वालों की हिमाक़त की कहानियाँ लिए बह रही है।

बनारस सिर्फ़ घाटों का शहर नहीं है। यह इतिहास का एक जीवंत प्रवाह है। नदियाँ, विशेषकर गंगा ने, यहाँ के इतिहास को गढ़ा है। कई लोगों ने इस इतिहास को सँजोकर रखा है, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भी अपने वर्तमान से जुड़े रहते हुए, इतिहास के दर्शन कर सकें। किसी भी विषय-वस्तु को समझने और जानने की प्रक्रिया को ज्ञानमीमांसा (एपिस्टेमोलॉजी) कहते हैं, और इससे जुड़े ज्ञान-दर्शन को तैय्यार करते हुए, एक इतिहास-बोध को उजागर होने देते हैं।

इसी क्रम में, 8 अक्टूबर से 13 अक्टूबर, 2024 के बीच कला के विभिन्न क्षेत्रों के पारंगत कर्मियों और अकादमिक जगत से सरोकार रखने वालों को एक साथ लाकर, बनारस के विभिन्न पहलुओं पर ‘एन एनकाउंटर रेसीडेंसी’ प्रोग्राम को सुनियोजित करने का प्रयास किया है। 

इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए हम विभिन्न पहलुओं पर विचारधीन रहेंगे :

युवाओं की भागीदारी : युवाओं को इस कार्यक्रम में शामिल करना महत्त्वपूर्ण है। इससे वे बनारस को घूमने मात्र का शहर नहीं मानकर एक शहर को उसके पूर्ण अनुभव का माध्यम बना सकते हैं।

विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ : देश के विभिन्न कोनों से आए हुए विशेषज्ञों के साथ यह अभियान ‘पर्यटक दृष्टि’ से आगे बढ़कर शहर के परिदृश्य का अनुभव करने का एक अनूठा तरीक़ा लिए प्रेरित हैं। इससे लोग बनारस के बारे में एक बहुआयामी दृष्टिकोण और कलात्मक जुड़ाव की ओर अग्रसर होंगे।

विषयों की विविधता : केवल इतिहास पर ही नहीं बल्कि संस्कृति, कला, धर्म, साहित्य आदि जैसे विभिन्न विषयों पर विमर्श के तहत सौंदर्यशास्त्र की समसामायिक विवेचना करना।

प्रायोगिक गतिविधियाँ : व्याख्यानों के अलावा, कुछ प्रायोगिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जा सकती हैं। जैसे कि घाटों का भ्रमण, संगीत-कार्यक्रम या स्थानीय लोगों के साथ बातचीत।

बनारस के बारे में कुछ अतिरिक्त बिंदु जो आप अपनी चर्चा में हम शामिल कर रहे हैं।

धार्मिक विविधता : बनारस बौद्धों, जैनियों और हिंदुओं का एक महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थल है।

साहित्य और कला : बनारस ने कई प्रसिद्ध कवियों, लेखकों और कलाकारों को जन्म दिया है।

बदलता स्वरूप : आधुनिकीकरण के साथ बनारस का स्वरूप भी बदल रहा है। इस पर भी चर्चा की जा सकती है।

 


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