Kamal Singh Sultana's Photo'

कमल सिंह सुल्ताना

2002 | शिकागो, इलेनॉइस

युवा अर ऊरमावान कवि।

युवा अर ऊरमावान कवि।

कमल सिंह सुल्ताना के बेला

27 मई 2024

छूटती हुई हर चीज़ मुझे घर मालूम लगती है

छूटती हुई हर चीज़ मुझे घर मालूम लगती है

02 अप्रैल 2024 (सूरतगढ़ से जैसलमेर के बीच कहीं ट्रेन में) हम सब शापित हैं। अपनी ही चुप्पियों का कोई तय ठिकाना नहीं ढूँढ़ पाने पर। चलते हुए कहानियाँ बनी—मिलने की, साथ में रोने की और दूर तक ज

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जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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