रूस के पत्र (छः)
बर्लिन, जर्मनी
रूस घूम आया, अब अमेरिका की ओर जा रहा हूँ, इतने में तुम्हारी चिट्ठी मिली। रूस गया था, उनकी शिक्षा पद्धति देखने के लिए। देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ। आठ ही वर्ष के अंदर शिक्षा के ज़ोर से लोगों के मन का चेहरा बदल गया है। जो मूक थे उन्हें भाषा