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उम्मीद पर ब्लॉग

उम्मीद अब भी बाक़ी है

उम्मीद अब भी बाक़ी है

एक एक दिन श्रीप्रकाश शुक्ल जी का फोन आया : ‘जवान होते हुए लड़के का क़बूलनामा’ संग्रह की प्रति तुरंत उपलब्ध करवाओ, ‘परिचय’ के अगले अंक में समीक्षा जानी है। मेरे पास अपने संग्रह की कोई कॉपी नहीं थी

निशांत

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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