रोग पर ब्लॉग

रोग-पीड़ा-मृत्यु मानव

के स्थायी विषाद के कारण रहे हैं और काव्य में अभिव्यक्ति पाते रहे हैं। इस चयन में रोग के विषय पर अभिव्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

बनारस : आत्मा में कील की तरह धँसा है

बनारस : आत्मा में कील की तरह धँसा है

एक बनारस के छायाकार-पत्रकार जावेद अली की तस्वीरें देख रहा हूँ। गंगा जी बढ़ियाई हुई हैं और मन बनारस में बाढ़ से जूझ रहे लोगों की ओर है, एक बेचैनी है। मन अजीब शै है। दिल्ली में हूँ और मन बनारस में है।

कुमार मंगलम

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