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करुणा पर कवितांश

वैभवरहित व्यक्ति

एक एक दिन

बन सकता है वैभवशाली

लेकिन! जिनके हृदय में दया नहीं

उनका उद्धार हो सकता कभी नहीं

तिरुवल्लुवर

अपने नन्हे-मुन्ने के

हाथ से बिलगा भात

माता-पिता को

अमृत-सा स्वादिष्ट लगता है

तिरुवल्लुवर