ऊँट पर काव्य खंड
ऊँट को रेगिस्तान का
जहाज़ कहते हैं। वह मरु के जीवन और जिजीविषा का प्रतीक है। कविता में रेत के अनुभवों के प्रवेश पर ऊँट का गर्दन उठाए साथ चले आना सबसे स्वाभाविक घटित होता है।
जहाज़ कहते हैं। वह मरु के जीवन और जिजीविषा का प्रतीक है। कविता में रेत के अनुभवों के प्रवेश पर ऊँट का गर्दन उठाए साथ चले आना सबसे स्वाभाविक घटित होता है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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