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अकबर पर सबद

प्रसिद्ध मुग़ल बादशाह

अकबर साहित्य और संस्कृति के संरक्षक थे। उनके ‘नवरत्न’ में शामिल अबुल फ़ज़ल ने ‘अकबरनामा’ और ‘आईन-ए-अकबरी’ की रचना की थी, फ़ैज़ी फ़ारसी का प्रसिद्ध कवि था और समादृत अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना (रहीम) प्रसिद्ध दोहाकार थे। भक्ति-काव्य अकबर के शासनकाल के दौरान अपने उत्कर्ष पर था और तुलसीदास, सूरदास और मीरा अकबर के समकालीन माने जाते हैं। काव्य में महाराणा प्रताप की प्रशस्ति में अकबर की उपस्थिति एक अनिवार्य टेक की तरह रही है।

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