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सुदामा चरित

sudama charit

नरोत्तमदास

नरोत्तमदास

सुदामा चरित

नरोत्तमदास

नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा आठवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

सीस पगा झँगा तन में, प्रभु! जाने को आहि बसे केहि ग्रामा।

धोती फटी-सी लटी दुपटी, अरु पाँय उपानह को नहिं सामा॥

द्वार खड़ो द्विज दुर्बल एक, रह्यो चकिसों बसुधा अभिरामा।

पूछत दीनदयाल को धाम, बतावत आपनो नाम सुदामा॥

ऐसे बेहाल बिवाइन सों, पग कंटक जाल लगे पुनि जोए।

हाय! महादुख पायो सखा, तुम आए इतै कितै दिन खोए॥

देखि सुदामा की दीन दसा, करुना करिकै करुनानिधि रोए।

पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए॥

कछु भाभी हमको दियो, सो तुम काहे देत।

चाँपि पोटरी काँख में, रहे काहे केहि हेतु॥

आगे चना गुरुमातु दए ते, लए तुम चाबि हमें नहिं दीने।

स्याम कह्यो मुसकाय सुदामा सों, “चोरी की बान में हौ जू प्रवीने॥

पोटरि काँख में चाँपि रहे तुम, खोलत नाहिं सुधा रस भीने।

पाछिलि बानि अजौ तजो तुम, तैसई भाभी के तंदुल कीन्हे॥”

वह पुलकनि, वह उठि मिलनि, वह आदर की बात।

वह पठवनि गोपाल की, कछू जानी जात॥

घर-घर कर ओड़त फिरे, तनक दही के काज।

कहा भयो जो अब भयो, हरि को राज-समाज।

हौं आवत नाहीं हुतौ, वाही पठयो ठेलि॥

अब कहिहौं समुझाय कै, बहुत धन धरौ सकेलि॥

वैसोई राज-समाज बने, गज, बाजि घने मन संभ्रम छायो।

कैधों पर्यो कहुँ मारग भूलि, कि फैरि कै मैं अब द्वारका आयो॥

भौन बिलोकिबे को मन लोचत, सोचत ही सब गाँव मझायो।

पूँछत पाँडे फिर सब सों, पर झोपरी को कहुँ खोज पायो।

कै वह टूटी-सी छानी हती, कहँ कंचन के अब धाम सुहावत।

कै पग में पनही हती, कहँ लै गजराजहु ठाढ़े महावत॥

भूमि कठोर पैर रात कटै, कहँ कोमल सेज पै नींद आवत॥

कै जुरतो नहिं कोदो सवाँ, प्रभु के परताप तें दाख भावत॥

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नरोत्तमदास

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स्रोत :
  • पुस्तक : वसंत (भाग-3) (पृष्ठ 42)
  • रचनाकार : नरोत्तमदास
  • प्रकाशन : एन.सी. ई.आर.टी
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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