वीरेंद्र कुमार जैन का परिचय
मूल नाम : वीरेंद्र कुमार जैन
जन्म :मंदसौर, मध्य प्रदेश
वीरेंद्र कुमार जैन प्रथम महायुद्ध के दिनों मंदसौर में जन्मे तथा इंदौर में एम.ए. तक शिक्षा प्राप्त की, वहीं साहित्यिक जीवन का आरंभ हुआ।
1950 से 1960 तक ‘धर्मयुग’ का सह-संपादन, फिर 1965 तक ‘भारती’ का संपादन। उसके बाद से मसि-जीवन। साथ ही विलेपारले मुंबई के एक कॉलेज में पार्टटाइम अध्यापन भी।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘अनुत्तर योगी : तीर्थंकर महावीर’ (चार खंडों में), ‘मुक्तिदूत’ (उपन्यास); ‘एक और नीलांजना’ (पुराकथाएँ); ‘शून्य पुरुष और वस्तुएँ’, ‘यातना का सूर्य-पुरुष’, ‘अनागता की आँखें’, ‘कहीं और’ (कविता-संग्रह); ‘प्रकाश की खोज में’ (निबंध-संग्रह) तथा ‘शेषदान’ और ‘आत्मपरिणय’ (कहानी-संग्रह)।
भारतीय ज्ञानपीठ के ‘मूर्तिदेवी पुरस्कार’, उ.प्र. साहित्य अकादेमी, म.प्र. साहित्य परिषद्, भारतीय भाषा परिषद् (कोलकाता) आदि अनेक संस्थानों द्वारा विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित।
सन् 1996 में मुंबई में देहावसान।