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Sudhanshu Firdaus's Photo'

सुधांशु फ़िरदौस

1985 | मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार

सुपरिचित कवि-लेखक-अनुवादक और नाटककार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-लेखक-अनुवादक और नाटककार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

सुधांशु फ़िरदौस का परिचय

मूल नाम : सुधांशु फ़िरदौस

जन्म : 02/01/1985 | मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार

सुधांशु फ़िरदौस का जन्म 2 जनवरी, 1985 को बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के सिंगाही गाँव में हुआ। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक और जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से गणित और कंप्यूटर साइंस में परास्नातक किया है। फ़िलहाल शोधरत हैं और क़स्बा बेगूसराय के एक कॉलेज में गणित का अध्यापन कर रहे हैं। 

नई पीढ़ी के अनिवार्य कवि माने जाते सुधांशु फ़िरदौस की कविताओं के लिए कहा गया है कि उसकी दुनिया ने अपने बनने के लिए जो रंग चुने हैं, उनमें प्रतीक्षा का रंग सबसे गहरा है। उनकी कविताओं की आधुनिकता एक चिंतित नागरिक के अकेलेपन, अपराध-बोध और उदासियों से जुड़ी है। इनमें लोक तथा परंपरा की नव-निर्मितियाँ हैं और एक उम्र से एक उम्र की तरफ़ बढ़ती हुई यात्राएँ शामिल हैं। वस्तुतः लोक-संवेदना और सरोकार उनकी कविताओं का सबसे उज्ज्वल पक्ष है। 

वह विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित होते रहे हैं, साथ ही विभिन्न मंचों पर प्रतिनिधि युवा कवि के रूप में आमंत्रित होते रहे हैं। 

‘अधूरे स्वाँगों के दरमियान’ उनका पहला काव्य-संग्रह है जो 2020 में प्रकाशित हुआ है। कविताओं के अतिरिक्त वह अनुवाद, नाटक एवं अन्य गद्य विधाओं में भी रचनात्मक रूप से सक्रिय बने हुए हैं। 

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