शुभम श्री का परिचय
शुभम श्री का जन्म 24 अप्रैल 1991 को गया, बिहार के एक संभ्रांत परिवार में हुआ। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अध्ययन के दिनों में लिखी गई अपनी आरंभिक कविताओं से ही चर्चा में आ गईं। उनकी कविताओं को काव्य की बनी-बनाई परंपरा में तोड़-फोड़ की तरह देखा गया जिसके चाहने वाले भी कई रहे तो उपहास करने वाले भी। उनकी कविताओं का मिज़ाज बेलौस है और उन्हें विलक्षण विद्रोही प्रतिभा की तरह भी देखा गया है। व्यंग्य और एक क़िस्म का खिलंदड़पन उनकी कविता की ताक़त है लेकिन इन्हें ही उनकी कविताओं के मूल स्वर की तरह अलगाया नहीं जा सकता। अपनी मर्ज़ी से अकी प्रतीक्षा भी होती रही है। उन्हें भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी कुछ कविताओं के अँग्रेज़ी अनुवाद भी प्रकाशित हुए हैं।
अपने कहने का अंदाज़ कुछ कविताओं के बाद बदल लेती नज़र आई हैं। उन्होंने स्वयं अपनी कविताओं और रचना-प्रक्रिया पर अब तक किसी आत्म-वक्तव्य से परहेज़ रखा है।
कविताओं के प्रकाशन के मामले में संकोची हैं या संयमी—उत्तर अभी तलाशा जा रहा है। हिंदी की कविता सक्रियता से उनकी दूरी भी उनके किसी हुनर की तरह पढ़ी गई है। विभिन्न माध्यमों से समय-समय पर उनकी कविताओं का प्रकाशन होता रहता है।